bawasir ke lakshan in hindi | बवासीर को ख़त्म करे घरेलू उपाय?

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हेलो दोस्तो आप सभी का Productvisits.com में स्वागत है आज के इस आर्टिकल में महिला बवासीर के लक्षण – Mahila Bawasir Ke Lakshan in hindi? बचाव, प्रकार, और भी अन्य जानकारी जानने वाले है क्योंकि आज के समय मे बवासीर एक आम बीमारी हो गयी है यह अधिकतर लोगों में पायी जाती है बवासीर किसी भी उम्र में हो सकती है पुरुष और महिला में बवासीर के सामान्य लक्षण पाए जाते है।

बवासीर महिलाओ में अधिक पाया जाता है यह गुदा (anus) में रक्त वाहिकाओं में सूजन होने के कारण बवासीर होती है यह शुरुआत में पता नही चलता है लेकिन अगर आप बवासीर का शुरुआत में ही पता चल जाता है और आप इसका इलाज कराते है तो इसकी रोकथाम करना बहुत आसान हो जाता है जिससे बवासीर से कुछ ही दिनों में छुटकारा मिल जाता है।

तो आज के इस आर्टिकल में बवासीर से जुड़े आपके मन मे चल रहे सभी सवालों के जवाब मिलने वाले इसलिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें जिससे हमारे द्वारा दी हुई जानकारी आपको अच्छे से समझ आ सके तो चलिए महिला बवासीर के लक्षण – Mahila Bawasir Ke Lakshan in hindi? जानने से पहले ये जान लेते है। बवासीर क्या है – Bawasir Kya Hai

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महिला बवासीर के लक्षण – bawasir ke lakshan in hindi?

बवासीर क्या है? Bawasir Kya Hai

बवासीर को पाइल्स (Piles) और मेडिकल भाषा हेमोररहोइड (Hemorrhoid) के नाम से जाना जाता है यह बहुत दर्दनाक बीमारी होती है बवासीर की समस्या होने पर गुदा में रक्त वाहिकाओं में सूजन होने की स्थिति से होती है यह गुदा के अंदर या बाहर किसी भी स्थान पर हो सकती है इसमे गुदा के बाहर या अंदर मस्से हो जाते है जिसका आकार मटर के दाने के बराबर छोटा और अंगूर के बराबर बड़ा हो सकता है।

bawasir ke lakshan in hindi
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बाहरी बवासीर को देखना आसान होता है आंतरिक बवासीर को देखा नही जा सकता है आंतरिक बवासीर में मनुष्य को गुदा से मल के साथ खून आने की संभना अधिक होती है आज के समय मे बवासीर रोग 60% लोगो मे पाया जाता हैं अर्थात महिला इस रोग से अधिक पीड़ित है क्योंकि यह डिलीवरी होने से के बाद महिला को बवासीर होने की संभावना अधिक होती है आशा करते है आपको बवासीर क्या है Bawasir Kya Hai अच्छे से समझ आ गया होगा।

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बवासीर कितने प्रकार की होती है? Bawasir Kitne Prakar Ki Hoti Hai

दोस्तो अब बात आती है बवासीर कितने प्रकार की होती है Bawasir Kitne Prakar Ki Hoti Hai बवासीर मुख्य दो प्रकार की होती है पहली बाहरी बवासीर और दूसरी आंतरिक बवासीर यह पुरुष और महिला दोनों में सामान्य रूप से पायी जाती है इनके बारे में नीचे विस्तार से बताया हैं।

बाहरी बवासीर:- बाहरी बवासीर गुदा द्वार के आसपास गुदा के बाहरी हिस्से में पाया जाता है बाहरी बवासीर होंने पर रोगी किसी कुर्सी या स्टूल बैठते समय अधिक दबाव होने से खून का बहाव हो सकता है।

आंतरिक बवासीर:- यह गुदा (anus) के अंदर होता हैं इसमे अक्सर गुदा से खून बाहर बहता रहता है मल करते समय जोर लगाने से होता है क्योंकि यह विरूपित या लम्बे चरण के रूप में जाना जाता है यह अधिक दर्दनाक भी हो सकता है।

​महिलाओं में बवासीर कैसे होता है? Mahilao Me Bawasir Kaise Hota Hai

दोस्तो यह भी जानना जरूरी है महिलाओ में बवासीर कैसे होता है Mahilao Me Bawasir Kaise Hota Hai क्योंकि बवासीर जैसी बीमारी कुछ लोगो में पीढ़ी दर पीढ़ी पायी जाती है अर्थात वंशागति इस बीमारी के कुछ कारण ये भी हो सकते है जिन्हें नीचे विस्तार से बताया है।

बुढ़ापे में?
बवासीर होने के अधिक चाँस बुढ़ापे में भी होते है जैसे 45 से 65 साल की आयु वाले में जाना जा सकता है अब आप यह मत समझना कि यह वयस्क और बच्चो में नही होता यह किसी भी उम्र में हो सकता है

फाइबर की कमी होना?
जैसा कि आप सभी जानते है जीवन मे सबसे ज्यादा महत्व शरीर पर भोजन का ही होता है इसलिए हमें अपने भोजन में फाइबर से भरपूर भोजन को लेना चाहिए इससे आपके बवासीर होने से काफी बचाव होता है।

कब्ज होना?
बवासीर की सबसे बड़ी समस्या कब्ज होती है क्योंकि जब पेट मे कब्ज बनती है तो मल कठोर हो जाती है मलत्याग करते समय मनुष्य अधिक जोर लगाने से रक्त वाहिकाओं पर जोर पड़ता है जिससे बवासीर होने की संभावना अधिक रहती है।

मोटापा होना?
बवासीर होने का एक कारण मोटापा भी हो सकता है एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्यादा मोटापा भी बवासीर होने की संभावना अधिक रहती है।

अधिक समय तक खड़े रहना?
बवासीर ज्यादा लंबे समय तक खड़े होने से भी हो सकती है जैसे बस कंडेक्टर, ट्राफिक पुलिस, लिफ्ट चालक, आदि को बबासीर होने के अधिक चाँस रहते है।

भारी वजन उठाने से?
जो लोग ज्यादा भारी वजन उठाने का कार्य करते है उन लोगो को भी बवासीर होने की संभना अधिक रहती है जैसे कुली, मजदूर आदि।

डिलीवरी के बाद?
डिलीवरी के समय गुदा पर अधिक जोर और दवाब पड़ने की वजह से बवासीर होने की संभना रहती हैं इसलिए कुछ महिलाओ को डिलीवरी होने के बाद बवासीर हो जाती हैं।

मिर्च मसाले युक्त भोजन?
कुछ लोग अधिक तला भुना और अधिक मिर्च का इस्तेमाल करते है तो उन्हें बवासीर होने की संभना अधिक होती है।

लंबे समय तक बैठने से?
जिन महिलाओं में अधिक आलास होता है जिसके कारण वह लम्बे समय तक बैठी जिससे बवासीर से पीड़ित होने की अधिक संभना होती है।

शराब और धूम्रपान के सेवन से?
ये तो आप सभी जानते है धूम्रपान और शराब हमारे शरीर के लिए कितनी नुकशान दायक होती है एक रिसर्च के अनुसार पता लगाया अगर आप इसका ज्यादा सेवन करते है तो आपको बवासीर होने की संभना अधिक रहती है।

गर्ववस्था में?
महिला जब गर्ववस्था से होती है तो उसके अंदर प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स रिलीज़ होते है जो नशो को आराम देने का कार्य करते है और महिला में रक्त वाहिका में सूजन आ जाती है और कब्ज की समस्या हो जाती है जिसके कारण बवासीर हो जाती है।

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​बवासीर का पता कैसे चलता है? Bawasir Ka Pata Kaise Chalta Hai

कुछ लोगो को शुरुआत में बवासीर होने पर पता नही चलता है तो बवासीर का पता कैसे चलता है आपको यह भी जानना चाहिए बाहरी बवासीर और आंतरिक बवासीर अलग अलग संकेतो में देखने को मिल सकती है इसके साथ ही कुछ लोगो मे दोनों तरह की बवासीर देखने को मिल सकती है और भी अन्य लक्षण देखने को मिल सकते है जिन्हें नीचे बताया है।

खून आना?
बवासीर का यह भी एक मुख्य कारण है जिनको बवासीर होती है वह जब शौच के लिए जाते है तब उन्हें मल के साथ खून आने की संभना अधिक होती है

गुदा से बलगम आना?
बवासीर होने पर जब आप शौच के लिए जाते है तब गुदाद्वार से मल के साथ तरल पदार्थ आता है तो बलगम का आना भी बवासीर की एक निशानी होती है और ऐसी स्थिति में गुदाद्वार की अधिक साफ सफाई रखनी चाहिए जब बलगम निकलती है तो मलत्याग करते समय दर्द होता है ऐसा होने पर तुरन्त डॉक्टर से संपर्क करे।

गुदा में खुजली होना?
बवासीर गुदा के बाहरी और आंतरिक हो सकती है आंतरिक बवासीर गुदा के अन्दर नली में होती हैं और बाहरी बवासीर गुदा के बाहरी क्षेत्र में होती है बवासीर होने पर गुदा के पास की त्वचा में अधिक खुजली और जलन होती है जिससे यह त्वचा काफी सेंसिटिव हो जाती है।

मल त्याग करते समय परेशानी होना?
बवासीर एक ऐसी बीमारी है जिसमे रोगी को मल त्याग करते समय बहुत सी तकलीफ का सामना करना होता हैं जैसे मलत्याग करते समय तेज चुभन, दर्द, होता है जिसके कारण शौच भी सही से नही कर पाते है।

पेट मे तेज दर्द होना?
बवासीर होने पर रोगी को पेट का दर्द होता है बवासीर होने के दौरान पेट मे कब्ज और मस आना लगा रहता है अधिक होने पर किसी डॉक्टर से परामर्श जरूर ले।

शौच की इच्छा बार बार होना?
बवासीर के दौरान रोगी को मल त्याग करने में भी अधिक पीड़ा होती है बवासीर होने पर रोगी का पेट सही ढंग से साफ नही हो पाता है जिसके कारण शौच की इच्छा बार बार होती है।

गुदा का लाल होना?
बवासीर के दौरान गुदा के आस-पास का एरिया लाल हो जाता है और उस पर बहुत दर्द होता है यह तो बवासीर के रोगी के लिए आम बात है कि उन्हें अधिक दर्द का सामना करना होता है।

गुदा के पास गाँठ होना?
बवासीर होने का एक मुख्य लक्षण यह भी है गुदा के पास गाँठ और सूजन का होना गुदा के पास सूजन और छोटे आकार से लेकर अंगूर के दाने के बराबर गाँठो का होना जो कि अधिक दर्द देती है जिसके कारण बैठने में अधिक तक़लीफ होती है और मल त्याग के दौरान इनमे अधिक पीड़ा होती है जिसके कारण मलत्याग करते समय पेट साफ नही होता है।

बवासीर होने के बचाव? Bawasir Hone Ke Bachav

दोस्तो कुछ एक्सपर्ट का कहना है अगर आप अपने खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव करते है तो बवासीर को काफी हद तक रोक जा सकता है।

*मलत्याग करते समय अधिक जोर लगाने से बचना चाहिए।

*कब्ज और डायरी जैसे रोगों से बचाव करना चाहिए।

*भोजन में रेशेदार सब्जियां और रेशेदार पुरको का सेवन करना चाहिए।

*नियमित रूप से आपको 10 से 12 गिलास पानी पर्याप्त पीना चाहिए।

*मलत्याग करते समय कम से कम समय देना चाहिए।

*मलत्याग करते समय मोबाइल या कुछ भी पढ़ने से बचना चाहिए।

*ज्यादा लंबे समय तक खड़े या बैठना नही चाहिए।

*अधिक भार उठाने से बचे।

*मोटापा को कम करें।

मस्से वाली बवासीर के लक्षण? Masse Wali Bawasir Ke Lakshan

मस्से वाली बवासीर के लक्षण – Masse Wali Bawasir Ke Lakshan इस बवासीर में शुरुआत में किसी प्रकार की कोई परेशानी नही होती है सिर्फ मलत्याग करते समय मल में हल्का खून लग के आता है उसके बाद मल के साथ खून टपकने लगता है और बाद में खून पिचकारी का रूप ले लेता है खूनी बवासीर में गुदा (anus) के अंदर की तरफ मस्से होते है।

फिर वह समय के साथ बढ़ जाते है और मल के साथ बाहर आने लगते है जो मलत्याग करने के बाद खुद अंदर की तरफ चल जाते है और इसके कुछ समय के बाद मल के साथ बाहर आते है और हाथ की मदद से अंदर करने होते है हल्की लास्ट स्टेज में हाथ की मदद से भी मस्से अंदर नही जाते है।

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​बादी बवासीर के लक्षण और उपचार? Baadi Bawasir Ke Lakshan

बादी बवासीर के लक्षणBaadi Bawasir Ke Lakshan की बात करे तो इस बवासीर के होने से पेट मे समस्या रहती है पेट मे कब्ज और गैस बनती रहती है बादी बवासीर में पेट बार बार खराब होता रहता है और इसमे कुछ इस तरह की परेशानी होती है जैसे खुजली, दर्द, जलन, जिस्म में बेचैनी रहना, काम करने की इच्छा नही करना आदि

पखाना करते समय मल के टाइट होने से मल में खून भी आने लगता है क्योंकि बादी बवासीर में मस्से गुदा के अंदर होते है जिससे मलत्याग करने का रास्ता छोटा हो जाता है जिससे मलत्याग करते समय चुनन फट जाती है जिसके कारण घाव हो जाता है इसको मेडिकल भाषा में फिशर कहते है।

इसमे रोगी को अधिक जलन और पीड़ा का सामना करना पड़ता हैं अगर बवासीर अधिक पुरानी हो जाती है तो वह भगन्दर का रूप ले लेती है जिसे मेडिकल भाषा में फिस्टुला के नाम से जानते है भगन्दर होने पर मल के रास्ते के करीब एक छेद हो जाता है जो मल की नली में जाता है और उस छेद से फोड़े के रूप में फटता और बहता रहता है।

फिर उसके कुछ समय बाद उस छेद से मलत्याग होना शुरू हो जाता है इसी के चलते यह बवासीर से भगन्दर और लास्ट स्टेज में कैंसर का रूप ले लेता है जिसे रिक्टम कैंसर के नाम से जानते है यह जानलेवा होता है।

​बवासीर के मस्से सूखाने के उपाय? Bawasir Ke Masse Sukhane Ke Upay

बवासीर में मस्से सुखाने के लिए नीचे बताये घरेलू उपायों को इस्तेमाल करते है तो आपको मस्से सुखाने में बहुत लाभदायक होते है चलिये जानते है।

*सबसे पहले आपको हल्दी और तोरही के रस का मिश्रण कर लेना है और उसमे थोड़ा नीम का तेल मिलाकर लेप बना ले उसके बाद आपको इस लेप को मस्से वाली जगह पर लगाना है यह आपको बहुत जल्द मस्से खत्म करने में उपयोगी साबित होते है।

*अब आपको नीम के सॉफ्ट पत्ती को लेना है और देशी घी और साथ मे कपूर को मिलाकर भुनकर इसकी टिकिया बना ले और रोजना इन टिकिया को गुदाद्वार पर मस्से में बांधने से कुछ ही दिन में मस्से खत्म हो जाएंगे।

*अब आपको 20 ग्राम नीलाथोथा और 40ग्राम अफीम को लेना है अब इन दोनों को मिलाकर पीस ले इसके बाद आपको 40 ग्राम सरसो के तेल में पकाना है और नियमित रूप से आपको इसे मस्सो वाली जगह पर लगाने से बवासीर के मस्सो को खत्म होने में जल्द ही आराम मिलता है।

*बवासीर के मस्से नष्ट करने के लिए आंक के पत्ते और सहजन के पत्ते को बढ़िया करके लेप बनाकर मस्से पर लगाने से मस्से समाप्त हो जाते है।

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बवासीर में गरम पानी पीने के फायदे? Bawasir Me Garam Pani Pine Ke Fayde

दोस्तो वैसे तो कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि बवासीर में गरम पानी पीने के बहुत से फायदे होते है लेकिन याद रहे आपको गुनगुना पानी का ही इस्तेमाल करना है जिन्हें नीचे बताया है।

*नियमित रूप से गरम पानी पीने और बवासीर की सिकाई करने से बवासीर में बहुत राहत मिलती है।

*जब व्यक्ति बवासीर से पीड़ित है तो उसे गरम पानी का उपयोग करना चाहिए जिससे शरीर का पाचन तंत्र ठीक होता है और मेटाबोलिज्म बढ़ता है जिससे आपको पेट से जुड़ी अन्य परेशानिया भी नही होती है।

*नियमित रूप से गरम पानी का सेवन करने से मल पतला हो जाता है जिससे मलत्याग करने में परेशानी नही होती है।

*नियमित रूप से गर्म पानी पीने और सिकाई करने से पाचन तंत्र ठीक हो जाता है जिससे बवासीर के रोगी को दर्द से राहत मिलती है।

*गरम पानी का उपयोग करने से रक्त वाहिकाएं चौड़ी हो जाती है जिससे शरीर मे खून का बहाव बहुत अच्छे से हो पाता है।

*नियमित रूप से बवासीर से पीड़ित इंसान गरम पानी के टप में बैठने से बाहरी बवासीर में दर्द, खुजली, और जलन में अधिक आराम मिलता है।

महिला बवासीर की दवा? Mahila Bawasir Ki Dawa

दोस्तो महिलाओ में आमतौर पर पोस्टमार्टम बवासीर देखने को अधिक मिलती है जो कि गर्ववस्था या प्रसव के दौरान होती है इसके लिए डॉक्टरों द्वारा दी जाने वाली दवाई जिन्हें नीचे कुछ इस तरह बताया है।

बवासीर की टैबलट – दोस्तो वैसे तो पोस्टमार्टम बवासीर होने पर डॉक्टर के द्वारा दी जाने वाली टैबलेट आईबूप्रोफेन,(Ibuprofen) एस्पिरिन , (Aspirin) यह दवाई पोस्टमार्टम बवासीर में डॉक्टरों द्वारा दी जाती है जिससे काफी हद तक पोस्टमार्टम बवासीर से छुटकारा दिलाने में मदद करती है इस दवाई का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करे।

बवासीर की क्रीम – बवासीर के दौरान डॉक्टरों द्वारा अलग अलग क्रीम दी जाती है जो लक्षणों के आधार पर लगाने से क्रीम में मौजूद तत्व होने की वजह से खुजली, जलन, सूजन, दर्द, लालीपन में जल्द आराम प्रदान होता है।

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Q. बवासीर की शुरुआत कैसे हुई?

कई बार ऐसा होता है कब्ज के कारण मल त्याग करते समय पेट साफ नहीं हो होता है जिससे बवासीर की समस्या होती है इसके अलावा प्रेगनेंसी के कारण और मोटापे के कारण या कोई व्यक्ति ज्यादा लंबे समय तक खड़े होकर काम करता है उसे भी बवासीर होने की समस्या हो जाती है

Q. बवासीर में तुरंत आराम के लिए क्या करें?

बवासीर होने पर तला भुना और ज्यादा मसाले वाली चीजों से बचना चाहिए?

Q. बवासीर होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?

यदि आपको बवासीर है और आपको दर्द हो रहा है तो आप नीचे बताए स्टेप्स को अपना सकते है।
* एलोवेरा के लगाने से बवासीर में राहत मिलती है।
* आईस पैक से भी बवासीर में तुरन्त आराम मिल जाता है।
* नारियल के तेल लगाने से भी बवासीर के दर्द से राहत मिलती है।

निष्कर्ष?

दोस्तो आज का Bawasir Ke Lakshan in hindi महिला बवासीर के लक्षण यह आर्टिकल आपको कैसा लगा आशा करते है यह आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया होगा अगर यह आर्टिकल आपके लिए यूजफुल रहा हो या हमारे द्वारा दी हुई जानकारी आपको पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ और अन्य सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे

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